
💼 कंपोजिशन से रेगुलर GST स्कीम में ट्रांजिशन – ₹699 में आसान समाधान
प्रस्तावना – क्यों ज़रूरी है स्कीम बदलना?
यदि आपका व्यवसाय तेजी से बढ़ रहा है और अब कंपोजिशन स्कीम की सीमाएं आपके विकास में बाधा बन रही हैं, तो समय आ गया है कि आप रेगुलर GST स्कीम की ओर कदम बढ़ाएं।
अब आप इंटरस्टेट सप्लाई करना चाहते हैं? या इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का लाभ लेना है? तो यही सही वक्त है बदलाव का।
रेगुलर GST स्कीम क्या है?
रेगुलर स्कीम GST की वो मूल स्कीम है जो बड़े व्यवसायों और सेवाओं की आपूर्ति करने वालों के लिए बनी है। इसमें आपको मासिक रिटर्न फाइल करना होता है लेकिन आप ITC और अन्य कई सुविधाओं का लाभ भी उठा सकते हैं।
कौन कर सकता है आवेदन?
- जिनका टर्नओवर कंपोजिशन सीमा से अधिक है
- जो इंटरस्टेट सप्लाई या E-Commerce करना चाहते हैं
- जो सेवाएं प्रदान करते हैं
रेगुलर स्कीम के प्रमुख लाभ
✅ इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC)
अब आप अपने बिज़नेस से जुड़ी खरीद पर दिए गए टैक्स का पूरा क्रेडिट ले सकते हैं, जिससे आपकी लागत कम होगी।
✅ इंटरस्टेट सप्लाई की अनुमति
रेगुलर स्कीम आपको भारत के किसी भी राज्य में सप्लाई की छूट देती है – जिससे आप पूरे देश में विस्तार कर सकते हैं।
✅ सेवाओं की आपूर्ति संभव
यदि आप सेवाएं भी प्रदान करते हैं, तो रेगुलर स्कीम में आना अनिवार्य है।
कंपोजिशन से रेगुलर स्कीम में बदलाव कब करना चाहिए?
- टर्नओवर ₹1.5 करोड़ से ज्यादा हो गया हो
- नए क्लाइंट्स इंटरस्टेट हैं
- ITC का लाभ लेना है
- व्यवसाय ऑनलाइन या E-Commerce से जुड़ रहा हो
बदलाव की प्रक्रिया – चरण दर चरण
- GST पोर्टल पर लॉगिन करें
- “Application for Amendment” विकल्प चुनें
- “Taxpayer Type” को “Regular” में अपडेट करें
- आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करें
- सबमिट करें और ARN प्राप्त करें
- परिवर्तन की पुष्टि होने के बाद नया रिटर्न टाइप एक्टिवेट हो जाएगा
SSJ GST Suvidha Kendra कैसे मदद करता है?
हमारी टीम इस पूरी प्रक्रिया को आपके लिए तेज, सरल और भरोसेमंद बनाती है – वो भी सिर्फ ₹699 में।
✔️ क्लियर स्टेप्स और डॉक्युमेंटेशन सपोर्ट
✔️ GST पोर्टल से सभी फॉर्म्स की भराई
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बदलाव के बाद क्या करना जरूरी है?
- नई इनवॉइसिंग प्रणाली अपनाएं
- मासिक रिटर्न्स (GSTR-1 और GSTR-3B) की तैयारी करें
- बिजनेस से जुड़े सभी इनवॉइस पर ITC क्लेम करें
कंपोजिशन और रेगुलर स्कीम में अंतर
विशेषता | कंपोजिशन स्कीम | रेगुलर स्कीम |
---|---|---|
टैक्स रेट | 1%-5% | 5%-28% |
ITC | नहीं मिलता | मिलता है |
रिटर्न | तिमाही | मासिक |
इंटरस्टेट सप्लाई | नहीं | हां |
सामान्य गलतियां जो व्यापारी करते हैं
- देरी से स्कीम बदलना और पेनल्टी झेलना
- दस्तावेज़ अधूरे देना
- नई इनवॉइस प्रणाली को लागू न करना
SSJ GST Suvidha Kendra क्यों चुनें?
- 🌟 100% ऑनलाइन प्रोसेसिंग
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ग्राहक अनुभव और प्रशंसाएं
“मैं E-Commerce से जुड़ना चाहता था, SSJ की मदद से मेरा ट्रांजिशन बहुत ही आसान रहा।” – नीरज गुप्ता, लखनऊ
“₹699 में इतनी प्रोफेशनल सर्विस मिलना बड़ी बात है। Highly recommended!” – ममता देवी, जयपुर
निष्कर्ष – व्यवसाय को विस्तार दें, स्कीम को अपग्रेड करें
अगर आपका व्यापार विकास की ओर बढ़ रहा है तो कंपोजिशन स्कीम में सीमित रहना समझदारी नहीं है।
SSJ GST Suvidha Kendra के साथ ₹699 में आप बिना झंझट के कंपोजिशन से रेगुलर स्कीम में माइग्रेट कर सकते हैं।
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FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
Q1: कंपोजिशन से रेगुलर स्कीम में बदलाव कब करना चाहिए?
A: जैसे ही आपका टर्नओवर ₹1.5 करोड़ से ऊपर जाए या आप इंटरस्टेट सप्लाई करना चाहें।
Q2: क्या इस बदलाव के बाद ITC का लाभ मिलेगा?
A: हां, आप रजिस्टर्ड रेगुलर टैक्सपेयर्स की तरह ITC क्लेम कर सकते हैं।
Q3: क्या SSJ GST Suvidha Kendra ₹699 में सभी प्रक्रियाएं करता है?
A: जी हां, डॉक्युमेंटेशन से लेकर पोर्टल पर फाइलिंग तक सब शामिल है।
Q4: क्या बदलाव ऑनलाइन हो सकता है?
A: हां, पूरा प्रोसेस ऑनलाइन है।
Q5: क्या कोई पेनल्टी लग सकती है अगर समय पर बदलाव न किया जाए?
A: हां, देरी होने पर सरकार द्वारा पेनल्टी लगाई जा सकती है।
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